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आई पामिंग आंखों को स्वस्थ रखने की एक तकनीक है, जाने क्या हैं, इसके फायदे

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आजकल लोग अपनी आँखों को स्वस्थ रखने के लिए कई तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, यहां तक की कई लोग आंखों के व्यायाम भी करते हैं, ऐसा ही एक आँखों का व्यायाम जिस को आई पामिंग कहा जाता है। अक्सर आपने देखा होगा की कई लोग सुबह उठकर और अपने काम से ब्रेक लेकर इसका उपयोग करते हैं। आपको बता दें कि आई पामिंग तकनीक एक आसान, प्रभावी और एक आरामदायक व्यायाम है, जिस को आमतौर पर आंखों और शरीर के स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। दरअसल इसका उद्देश्य आँखों की थकान को दूर करना, मांसपेशियों को आराम पहुंचाना और तनाव को कम करना होता है। हालांकि भूख लगने पर हम अपने पेट को खाना देते हैं और अपने शरीर के लिए एक्‍सरसाइज करते हैं, तो ठीक उसी तरह हमारी आंखों को भी आराम की जरूरत होती है। अगर देखा जाये, तो हमारी आंखें हमारे ल‍िए कि‍तना कुछ करती हैं। जैसे कि हम घंटों तक लैपटॉप या फिर अपने फोन का इस्‍तेमाल करते हैं, जिसका बुरा प्रभाव हमारी आंखों पर ही पड़ता है, लेकिन फिर भी हम अपनी आँखों को स्‍वस्‍थ रखने के ल‍िए कुछ भी नहीं करते हैं। आपको बता दें कि दिन के 5 से 10 मिनट अगर हम अपनी आंखों के स्वास्थ्य पर खर्च करें, तो वह भी सेहतमंद बन सकती हैं। तो आइये इस लेख के माध्यम से इसके बारे में इस के डॉक्टर से विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं, कि आखिर आई पामिंग तकनीक क्या है और आंखों के लिए इसके क्या फायदे हैं। 

आई पामिंग तकनीक क्या है?

बता दें कि आई पामिंग एक आसान-सी तकनीक है, जिसमें दरअसल आप अपनी हथेलियों को रगड़ कर उन्हें गर्म करते हैं और फिर हल्के से अपनी आंखों को बंद करके अपनी आंखों पर रखते हैं। इस तकनीक का इस्तेमाल करके हम अपनी आँखों को आराम देते हैं। आमतौर पर जैसे कि दिनभर मोबाइल या फिर कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से हमारी आंखें थक जाती हैं, तो वैसे ही समय पर हथेलियों की गर्माहट आंखों को काफी ज्यादा सुकून देती है। दरअसल यह एक तरीके का छोटा-सा ब्रेक है, जो आंखों की मांसपेशियों को तुरंत आराम, आंखों को ताज़गी और साथ ही मन को शांति प्रदान करता है। जिसकी वजह से आप एनर्जेटिक महसूस करते हैं। दरअसल इस दौरान आप अपनी हथेलियों को अपनी आँखों पर तब तक रखें जब तक कि आँखों की थकान दूर न हो जाए। आपको बता दें कि  नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के एक अध्ययन के अनुसार, आई पामिंग तकनीक को अपनाने से विज़ुअल रिएक्शन टाइम (दृष्टि की प्रतिक्रिया समय) में सुधार लाया जा सकता है। आम तौर पर नतीजे बताते हैं कि इस तकनीक से आंखों की प्रतिक्रिया क्षमता को अच्छा बनाने में काफी ज्यादा मदद मिलती है। 

आई पामिंग के क्या हैं फायदे? 

वैसे तो आँखों के लिए आई पामिंग तकनीक बहुत ही लाभदायक है और आई पामिंग तकनीक को अपनाने से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं। जैसे कि, 

1. दरअसल सबसे पहले इस तकनीक को अपनाने से आँखों को काफी ज्यादा आराम मिलता है।

2. इससे आंखों की मांसपेशियों को काफी जल्दी आराम मिलता है, जिसकी वजह से आंखों की थकान दूर हो जाती है।

3. हालांकि लगातार स्क्रीन का उपयोग करने पर, हमारी आँखों में काफी ज्यादा ड्राइनेस की समस्या हो जाती है, तो आप इस दौरान इस तरह की समस्या को दूर करने के लिए इस तकनीक की मदद ले सकते हैं।

4. दरअसल आई पामिंग तकनीक की मदद से आंखों की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और इसके साथ ही आंखों से संबंधित समस्याओं से सुरक्षा मिलती है।

5. इसके इस्तेमाल से आँखों का मानसिक तनाव कम होता है और साथ ही स्‍क्रीन पर लगातार काम करने से होने वाले सिरदर्द से छुटकारा मिलता है। 

6. बता दें कि आई पामिंग तकनीक की मदद से आंखों की नमी बरकरार रहती है और इससे आँखों के डार्क सर्कल्स और सूजन की समस्या भी दूर होती है।

आई पामिंग को कैसे करते हैं?

1. इसके लिए आप सबसे पहले आराम से किसी कुर्सी या फिर ज़मीन पर बैठ जाएँ।

2. अब अपने दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में रगड़ें, जब हाथ में गर्माहट महसूस न होने लगे। तो फिर उसे अपनी आंखों पर लगाएं।

3. अपनी आंखों को बंद करके और हथेलियों को हल्के से कप की तरह बनाकर अपनी आँखों पर रखें।

4. इस दौरान ध्यान रखें कि हथेली की गर्माहट आँखों तक पहुँचे, पर उन पर ज्यादा दबाव न पड़े।

5. इस दौरान आप अपने पूरे शरीर को रिलैक्स करें साथ ही गहरी सांस लें और और इस दौरान अपने मन को शांत रखें।

6. लगभग 1 से 2 मिनट तक हथेलियाँ को अपनी आँखों पर रखे रहें।

7. इस प्रक्रिया को 5 से 10 मिनट तक बार बार दोहराएं।

8. आई पामिंग व्यायाम को करने के लिए अपनी हथेलियों को साफ रखें ताकि इंफेक्शन न हो।

 9. इस दौरान ध्‍यान रखें कि आपको अपनी आंखों पर ज्यादा दबाव नहीं डालना है।

10. अगर आपको अपनी आंखों में दर्द या फिर आंखों में सूजन हो, तो सबसे पहले आप डॉक्टर की सलाह लें।

कब और कितनी बार आई पामिंग तकनीक को करना चाहिए?

1. वैसे तो कभी भी आई पामिंग तकनीक को अपनाया जा सकता है, जैसे कि सुबह के समय उठकर या फिर रात को सोने से पहले इस तकनीक को करना काफी ज्यादा फायदेमंद होता है।

2. बता दें कि अगर आप ज्यादातर लैपटॉप पर काम करते हैं, तो आपको हर 2 घंटे में 1 बार आई पामिंग प्रक्रिया को करना चाहिए। दरअसल यह आँखों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। 

3. ज्यादातर आप इस तकनीक का सहारा तब ले सकते हैं, जब आप काफी ज्यादा थकान महसूस करते हैं। उस दौरान यह तकनीक लाभदायक साबित हो सकती है। 

निष्कर्ष

आई पामिंग तकनीक एक आसान, प्रभावी और एक आरामदायक व्यायाम है, जो आंखों और शरीर के स्वास्थ्य के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। इसका उद्देश्य आँखों की थकान दूर करना, मांसपेशियों को आराम पहुंचाना और तनाव को कम करना आदि होता है।आप अपनी आँखों की थकान को कम करने के लिए और तनाव को कम करने के लिए आई पामिंग तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं। आई पामिंग तकनीक व्यक्ति की आँखों को कई तरह के फायदे प्रदान करती है, जैसे आंखों की नमी बरकरार रहती है, आँखों के डार्क सर्कल्स और सूजन की समस्या भी दूर होती है, आंखों की मांसपेशियों को तुरंत आराम मिलता है और इसके साथ ही आंखों को ताज़गी और साथ ही मन को शांति मिलती है। इसके अलावा अगर आप इसको अपनी रोजाना की रूटीन में शामिल करेंगे, तो आपको बहुत जल्दी एनर्जी प्राप्त हो सकती है। अगर आपको भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त करनी है और आपको आँखों से संबंधित किसी भी प्रकार की कोई भी समस्या है और आप इसका इलाज करवाना चाहते हैं तो आप आज ही मित्रा आई हॉस्पिटल में जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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