क्या आप आंखों का स्ट्रेन से परेशान है, अपनाएं ये 8 आसान उपाय, जो आंखों के स्ट्रेन को कम करने में मदद करें      

Loading

कोविड काल के बाद से ही बहुत से लोगों ने अपने काम करने के तौर- तरीके के पूरी तरह से बदल दिया है, जिसकी वजह से वह लोग अपना काफी समय लैपटॉप और कंप्यूटर में काम करके बिता देते है | लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे डिजिटल उपकरण में लगातार काम करने से लोगों को कई तरह के समस्याओं से गुजरना पड़ जाता है, जिनमें से एक है आंखों का तनाव, आइये जानते है इस विषय के बारे में विस्तारपूर्वक से :- 

आंखों का स्ट्रेन क्या होता है ? 

आंखों का तनाव यानी आई स्ट्रेन एक ऐसी समस्या है, जिसमें आंखों में अधिक खिंचाव पड़ने लग जाता है | मेडिकल टर्म में इस समस्या को एस्थेनोपिया के नाम से भी जाना जाता है | आंखो में तनाव होना एक आम समस्या है, जो हर वर्ग के व्यक्तिओं को प्रभावित कर सकता है | डिजिटल में बढ़ते प्रगति के साथ-साथ आंखों का तनाव भी एक प्रचलित लक्ष्य बन गया है | आंखों का तनाव कई लक्षणों का एक समूह होता है, जो लंबे समय तक इस्तेमाल से आंखों की मांसपेशियों में आये थकन की वजह से उत्पन्न होता है | आसान भाषा में बात करें तो आंखों के मांसपेशिओं में थकान होने के कारण भी आंखों में तनाव हो सकता है |    

कोई भी गतिविधि जिसमें आपके आंखों का सबसे अधिक इस्तेमाल हो रहा है, यह अतिरिक्त-ऑक्युलर मांसपेशियों की थकान का कारण बन सकते है, जिससे आंखों का तनाव भी कहा जा सकता है | हालांकि अधिकतर मामलों में आंखों के तनाव को छोटी-सी समस्या मानी जाती है, जिससे थोड़ी देर आराम देने से आंखों का तनाव से काफी राहत मिल जाती है | लेकिन कुछ मामले ऐसे भी होते है, जिसमें आंखों का तनाव को एक अंतनिर्हित बीमारी के साथ भी जोड़ा जा सकता है, इसलिए समय-समय पर नियमित रूप से आप अपनी आंखों की जांच करवाएं | 

आमतौर में हम एक मिनट में 18 बार आंखों की पलकों को झपकते है, ऐसा करने से यह हमारे आंखों की आवृति को तरोताज़ा रखने में मदद मिलती है | लेकिन जब हम किसी काम या फिर वस्तु में जैसे की किताबों में पढ़ने के दौरान, ड्राइविंग, कंप्यूटर स्क्रीन में काम करने के दौरान और लिखने के दौरान सबसे अधिक ध्यान केंद्रित करते है, तो इससे पलकों को झपकने की आवृति बहुत कम हो जाती है, जो आगे चलकर आंखों में तनाव होने का कारण बनता है | आइये जानते है आंखों का तनाव होने के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :- 

आंखों का तनाव होने के मुख्य लक्षण 

आंखों का तनाव होने के मुख्य लक्षण निम्नलिखित है :- 

  • आंखों की दृष्टि में धुंधलापन आना 
  • सिरदर्द होना 
  • आंखों में जलन होना 
  • सुखी आंखें या फिर आंखों से अधिक पानी का आना 
  • दोहरी दृष्टि का दिखाई देना 
  • पीठ और कंधे के आसपास दर्द होना आदि शामिल है | 

आंखों का तनाव होने के मुख्य कारण 

आंखों का तनाव होने के मुख्य कारण निम्नलिखित है :- 

  • कंप्यूटर और लैपटॉप जैसे डिजिटल स्क्रीन में लगातार काम करने से 
  • एक गतिविधि में अधिक समय के लिए ध्यान केंद्रित करने से    
  • असामान्य प्रकार के कारण 
  • आंखों में लगी किसी प्रकार की चोट या फिर किसी प्रकार की समस्या होने के कारण आदि शामिल है |   

आंखों का तनाव कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन इस समस्या का समय पर इलाज करवाना एक पीड़ित व्यक्ति के लिए बेहद ज़रूरी होता है | यदि आप में कोई भी व्यक्ति आंखों में पड़ने वाले तनाव से परेशान है तो इलाज के लिए आप मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लेसिक लेज़र सेंटर से परामर्श कर सकते है | आइये जानते है ऐसे 8 आसान से उपाय के बारे में जो आंखों के तनाव को कम करने में मदद करते है | 

आंखों का तनाव को कम करने के लिए अपनाएं ये आसान से 8 उपाय  

1. 20-20-20 नियम को अपनाएं :- इस नियम में 20 सेकंड के ब्रेक के साथ आप अपने मुख्य गतिविधियां पर 20 मिनट के लिए ध्यान केंद्रित करना बंद कर दें और 20 फ़ीट की दुर रखीं चीज़ों को पर फोकस करें | ऐसा करने से आंखों को काफी आराम मिलता है | 

2. अपनी स्क्रीन को सही स्थान पर रखें :- अपने डिजिटल स्क्रीन को सही स्थान पर और सही मुद्रा पर रखना बेहद ज़रूरी होता है | ऐसा करने से आंखों पर काफी कम दबाव पड़ता है | 

3. एंटी-ग्लेयर प्रोटेक्शन का उपयोग करें :- डिजिटल स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों में अधिक तनाव को उत्पन्न करने का कार्य करती है, ऐसे में एंटी-ग्लेयर स्क्रीन का इस्तेमाल करके आप अपनी आंखों को हानिकारक रोशनी से बचा सकते है | 

4. उचित रोशनी का उपयोग करें :- गतिविधि के आधार पर सही लाइट को एडजस्ट करना बेहद ज़रूरी होता है | यदि आप कोई किताब पढ़ रहे हो या फिर कुछ लिख रहे हो तो लाइट को उस वस्तु में फोकस करें, ताकी आपके आंखों पर अधिक दबाव न पड़े | 

5. अनेकों काम एक साथ करते समय आंखों की गति को रोकें :- अनेकों काम को एक साथ करने की वजह से आंखों को अधिक हिलाना पड़ता है, जिसकी वजह से आंखों में सबसे अधिक तनाव पड़ता है | इसलिए मॉल्टीटॉस्किंग करते समय आंखों को हिलाना-जुलना कम करें, ऐसे करने से आप आंखों में तनाव की समस्या को कम कर सकते है |    

6. आई ड्रॉप का उपयोग करते रहे :- किसी काम में लगातार ध्यान केंद्रित करने की वजह से हम अपनी पलकों का झपकना  कम कर देते है, जिसकी वजह से आंखों में सूखापन आ जाता है | आई ड्रॉप्स एक ऐसा प्राकृतिक तंत्र है, जो आंखों में नमी को फिर से भरने का काम करती है, इसलिए आंखों में सूखापन महसूस होने पर आई ड्रॉप का उपयोग करें | 

7. प्रदूषित हवा से अपनी आंखों का बचाव करें :- हवा में मौजूद प्रदूषण और धूल के छोटे-छोटे कण आंखों में जलन की समस्या को उत्पन्न कर सकते है, जिससे आंखों में तनाव हो सकता है | इसलिए इस बात का ज़रूर ध्यान रखें कि बाहर निकलते समय अपनी आंखों को कवर करके निकले | 

8. आंखों को तरोताज़ा करने वाली गतिविधि का अभ्यास करें :- अधिक दबाव वाले कामों को करने के बाद अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें और 10 मिनट के लिए ठन्डे पानी से गीला कपडा अपनी आंखों के ऊपर रख लें | इस नियमित अभ्यास से आपकी आंखों को ठीक होने में और आंखों का तनाव से जुड़े लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है |  

                 

यदि यह सब करने के बाद भी आपकी स्थिति पर किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आ रहा तो इलाज के लिए तुरंत नेत्र  चिकित्सक से परामर्श करें | इसके लिए आप डॉक्टर हरिंदर मित्रा से भी परामर्श कर सकते है | डॉक्टर हरिंदर मित्रा पंजाब के बेहतरीन ऑप्थल्मोलॉजीस्ट में से एक है, जो पिछले 26 सालों से पीड़ित मरीज़ों का सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए आज ही मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लेसिक लेज़र सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से संपर्क कर सीधा संस्था से बातचीत कर सकते है |  

Contact Us