काला मोतियाबिंद आंखों के स्वास्थ्य से जुड़ी एक ऐसी समस्या है, जिससे आंखों के ऑप्टिक तंत्रिका या फिर आंखों को मस्तिष्क से जोड़नी वाली तंत्रिका गंभीर रूप से प्रभावित हो जाती है | जिसकी वजह से यह धीरे-धीरे पीड़ित व्यक्ति की आंखों में काला पानी और आंखों की दृष्टि को ख़राब करने लग जाती है | काला मोतियाबिंद, जिससे ग्लूकोमा भी कहा जाता है, यह तब उत्पन्न होती है जब आंखो के अंदर तरल पदार्थ बनना शुरू हो जाते है और इससे आंखों में काफी दबाव पड़ने लग जाता है |
काला मोतियाबिंद की समस्या होने या फिर इससे जुड़े लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है, क्योंकि उपचार न होने पर इस समस्या से पीड़ित मरीज़ अंधेपन का शिकार हो सकता है | ग्लूकोमा आंखों में बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है, जिसकी वजह से बहुत से लोगों को इस बात का पता ही है चल पता की उनकी आंखों की दृष्टि धीरे-धीरे बदल रही है | लेकिन जैसे-जैसे ग्लूकोमा के हालत बिगड़ने लग जाते है, इससे पीड़ित मरीज़ स्पष्ट रूप से देखने में असमर्थ हो जाते है |
काला मोतियाबिंद जैसी गंभीर समस्या का सही समय इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि काला मोतियाबिंद की स्थिति बिना उपचार के, दृष्टि हानि में तेज़ी से विकास कर सकती है और स्थायी अंधापन का कारण बन सकती है | इसके विपरीत यदि आप इस समस्या का समय रहते इलाज करवा लेते है तो यह आपकी स्थिति में बहाल करने में मदद कर सकता है और इससे पीड़ित मरीज़ की दृष्टि को हानि पहुंचाने और सिरदर्द जैसे समस्या को रोक सकता है | आइये जानते है काला मोतियाबिंद होने के मुख्य लक्षण और कारण क्या है :-
काला मोतियाबिंद होने के मुख्य लक्षण क्या है ?
काला मोतियाबिंद में आपकी आंखों की लेंस पूरी तरह से अपारदर्शी हो जाती है, जिसका संबंध आमतौर बढ़ती उम्र के साथ होता है | काला मोतियाबिंद को नियंत्रण करने के लिए, इसका सही समय पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी है | काला मोतियाबिंद होने के मुख्य लक्षणों में शामिल है :-
- धुंधली दृष्टि का दिखाई देना
- आंखों के सफ़ेद भाग का लाल होना
- आंखों में तीव्र दर्द और सिरदर्द होना
- आंखों में काले धब्बे का दिखाई देना
- आंखों की दृष्टि का धीरे-धीरे कम होना
- चेहरे में दर्द होना
- आंखों में बाहरी रोशनी का कम होना
- चमकदार रोशनी के आसपास प्रकाश के घेराव का दिखाई देना आदि |
किन कारणों से होता है आंखों में काला मोतियाबिंद की समस्या उत्पन्न ?
काला मोतियाबिंद उत्पन्न होने के मुख्य कारण निम्नलिखित है :-
- आंखों में दबाव पड़ना :- आंखों में अधिक मात्रा में दबाव पड़ने से ऑप्टिक तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो जाते है, जिसके चलते आंखों की दृष्टि में खराब हो सकती है |
- आंखों में तरल पदार्थ का जमाव :- जब आंखों में मौजूद तरल पदार्थ लेंस में जमा होने लग जाते है तो इससे आंखों के ऑप्टिक तंत्रिका में काफी दबाव पड़ने लग जाते है, जिसकी वजह से आंखों को नुक्सान पहुंचने लग जाते है |
- आंखों के जल निकासी नलिकाओं का प्रतिरोध होना :- जब आंखों की जल निकासी नालिकाएं किसी कारणवश प्रतिरोध होने लग जाती है तो इससे आंखों में मौजूद तरल पदार्थ बाहर नहीं निकल पाता और यह आंखों के लेंस में ही जमा होने लग जाते है |
काला मोतियाबिंद होने के कुछ जोखिम कारक यह भी होते है, जैसे की
- उम्र का बढ़ना
- ग्लूकोमा का पहले से ही पारिवारिक इतिहास होना
- मधुमेह होना, उच्च रक्तचाप की समस्या
- आंखों में लगी गंभीर चोट या फिर आंखों में हुई सर्जरी के कारण
- लंबे समय तक कोर्टिकोस्टेरॉयड आई ड्राप का इस्तेमाल करने से
- अत्यधिक शराब और धूम्रपान जैसे नशीले पदार्थ का सेवन करने से आदि शामिल है |
काला मोतियाबिंद के उपचार के विकल्प
काला मोतियाबिंद एक बार विकसित हो जाए, तो उसे ठीक पूर्ण रूप से ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन कई तरह के उपचार के माध्यम से आंखों में दबाव डालने वाले स्थिति को कम करने पर प्रबंधित किया जा सकता है | उपचार की उत्तम रेखा अक्सर स्थिति के पूरी तरह से निदान और स्थिति की गंभीरता के मूल्यांकन करने के बाद ही डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जाता है | काला मोतियाबिंद के इलाज के विकल्पों में आई ड्राप, कुछ दवाएं और सर्जिकल प्रक्रिया शामिल है | लेकिन कौन-से विकल्प के माध्यम से आपकी समस्या का इलाज करना है, वह पूर्ण रूप से आपकी स्थिति पर निर्भर करता है |
यदि आप में कोई भी व्यक्ति काला मोतियाबिंद की समस्या से पीड़ित है तो इलाज के लिए आप डॉक्टर हरिंदर मित्रा से परामर्श कर सकते है | डॉक्टर हरिंदर मित्रा पंजाब के बेहतरीन सर्वोत्तम ऑप्थल्मोलॉजिस्ट में से एक है, जो पिछले 26 वर्षों से पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप से इलाज कर रहे है | इसलिए आज ही मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लेसिक लेज़र सेंटर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से बातचीत कर सकता है |