पिछले कई वर्षों से क्लासिक लेज़र की लोकप्रियता बहुत ज़्यादा बढ़ गयी है, जो आंखों की दोषो को ठीक करके आपके दृष्टि को स्थायी रूप से बेहतर बनाये रखने के लिए एक प्रभावी तरीका साबित हुआ है | क्लासिक लेज़र सर्जरी करवाने के बाद मरीज़ों को चश्मा या फिर कांटेक्ट लेंस लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ती | लेकिन लोगो के मन में इससे जुड़े भी कई सवाल होते है, आइये जानते है इससे जुड़े कुछ मिथ्स और फैक्ट्स के बारे में :-
मित्रा आई हॉस्पिटल एंड क्लासिक लेज़र सेंटर के सीनियर डॉक्टर अक्षय मित्रा ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो द्वारा यह बताया की कई लोगो के बहुत कॉमन-सा सवाल होता है की कौन-से उम्र में क्लासिक लेज़र करवा सकते है ? क्लासिक लेज़र सर्जरी करवाने की सही उम्र 18-20 साल तक की होती है क्योंकि बच्चों के चश्मे का नंबर 18 – 20 की उम्र में समतल हो जाता है इसलिए इस सर्जरी को 18-20 की उम्र में की जाती है ताकि बचे को दुबारा चश्मा न लग सके |
दूसरा सवाल यह पूछा जाता है की क्या क्लासिक लेज़र सर्जरी आंखों के लिए सेफ होती है ? इस पर डॉक्टर अक्षय मित्रा ने बताया की क्लासिक लेज़र सर्जरी करने से पहले मरीज़ के फिटनेस की अच्छे से जांच-पड़ताल की जाती है, उस निरिक्षण के दौरान अगर मरीज़ का स्वास्थ्य सही आता है तभी यह सर्जरी उस मरीज़ के लिए 100 प्रतिशत सेफ होती है, लेकिन निरिक्षण के दौरान अगर मरीज़ का स्वास्थ्य में कुछ गड़बड़ी दिखयी देती है तो घबराएं नहीं इसके लिए दूसरे तरीके से क्लासिक लेज़र सर्जरी की जाती है जिससे मरीज़ भी सेफ रहता है और इस सर्जरी का सक्सेस रेट भी 100 प्रतिशत रहता है |
अगर क्लासिक लेज़र सर्जरी से संभधित कोई भी जानकारी लेना चाहते हो तो आप मित्रा आई हॉस्पिटल एंड क्लासिक लेज़र सेंटर नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है, इस चैनल पर इस टॉपिक से रिलेटेड वीडियो को पोस्ट किया हुआ है या फिर आप मित्रा आई हॉस्पिटल एंड क्लासिक लेज़र सेंटर का भी चयन कर सकते है, इस संस्था के सीनियर डॉक्टर अक्षय मित्रा ऑप्थल्मोलॉजिस्ट में एक्सपर्ट है जो आपको इस समस्या से जुडी पूरी जानकारी दे सकते है |