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आई स्ट्रोक को आंखों का दौरा भी कहा जाता है जो की आँखों से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। एक व्यक्ति को आई स्ट्रोक की समस्या होने पर उसकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए जा सकती है। इसलिए इसके बारे में जानकारी का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है।
जब कोई चीज रेटिना को खून पहुंचाने वाली आर्टरी यानी धमनी को ब्लॉक कर देती तो उसको आई स्ट्रोक कहा जाता है। इसको रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन के नाम से भी जाना जाता है। ऑक्लूजन जिसका शाब्दिक मतलब होता है, रुकावट। आपको इस बात की जानकारी होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है की धमनियों के ब्लॉक होने की मुख्य वजह ब्लड क्लॉटिंग होती है। दरअसल रेटिना आंख का वो हिस्सा होती है, जो प्रकाश की मदद से चीजों को देखने में मदद करती है। जिसका सीधे तौर पर संपर्क हमारे दिमाग से होता है। आपको बता दें कि आई स्ट्रोक इमरजेंसी का कारण बनती है और इस तरह की स्थिति से अपना बचाव करना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। पर आई स्ट्रोक की समस्या आम तौर पर किसी और बीमारी की तुलना में आंखों को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको आई स्ट्रोक के जोखिम कारकों के बारे में जानकारी देंगे।
आई स्ट्रोक का खतरा बढ़ाने वाले जोखिम कारक
1. हाई ब्लड प्रेशर
आज के समय में कई लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या लोगों में तेजी से विकसित हो रही है, जो आँखों के लिए भी सही नहीं है। आपको बता दें कि हाई ब्लड प्रेशर के कारण लोगों को आई स्ट्रोक की समस्या उत्पन्न होती है। आम तोर पर हाई ब्लड प्रेशर से आई स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। इसके बारे में तो सभी लोगों को जानकारी होगी कि हाई ब्लड प्रेशर की वजह से खून की वेसल्स खराब हो जाती हैं। रेटिना की ब्लड वेसल्स के साथ भी ऐसा ही होता है। इसकी वजह से ब्लड फ्लो पर बुरा असर पड़ना शुरू हो जाता है, ओर ऑप्टिक नर्व को भी नुक्सान पहुँचता है। आपको बता दें कि ऑप्टिक नर्व का मतलब होता है कि वह नसें जो आंखों के जरिए दिमाग तक दृश्य जानकारी को पहुँचती हैं। ऑप्टिक नर्व के खराब होने पर ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है, ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है और पर्याप्त पोषक तत्व भी रेटिना तक नहीं पहुंच पाते हैं। इसकी वजह से नर्व टिश्यूज पूरी तरह बर्बाद हो सकते हैं और व्यक्ति की आंखों की रोशनी पूरी तरह खत्म हो सकती है।
2. हाई कोलेस्ट्रॉल
आजकल हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या लोगों में तेजी से बढ़ रही है। और लोगों में गंभीर स्थिति को पैदा करती है। हाई कोलेस्ट्रॉल शरीर में कई समस्याओं को पैदा करता है जिसमें आँखों को होने वाला आई स्ट्रोक भी शामिल है। आपको बता दें कि हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण आई स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने पर धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं, जिसके कारण रेटिना को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। आपको इसके बारे मैं बता दें कि कोलेस्ट्रॉल के कारण आर्टरीज या वेन्स में प्लाक जमा हो जाता है। किसी भी वजह से अगर यह प्लाक आर्टरीज में रहते हुए टूट जाती है तो, इसके टूटे हुए छोटे टुकड़े आंखों तक पहुंच सकते हैं। इसकी वजह से ब्लड फ्लो में भी रुकावट आती है और आँखों के टिश्यूज को नुक्सान पहुँचता है।
3. कोरोनरी आर्टरी बीमारी
आपको बता दें कि अगर किसी का कोरोनरी आर्टरी बीमारी का इतिहास है, तो आँखों में आई स्ट्रोक की समस्या का खतरा बढ़ने की आशंका ज्यादा होती है। क्योंकि आई स्ट्रोक का एक जोखिम कारक कोरोनरी आर्टरी बीमारी भी है। दरअसल शरीर में खून फ्लो में कोरोनरी आर्टरी बीमारी भी रुकावट पैदा करती है। जिसके कारण व्यक्ति को कई तरह की बीमारियां होने लगती है। इसके तरह आँखों में भी खून के प्रवाह में मुश्किल आती है और आंखों को पर्याप्त मात्रा में कोई भी जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाता है। आम तोर पर आई स्ट्रोक का कारण इस तरह की स्थिति बनती है।
4. मधुमेह
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन, के अनुसार आँखों में आई स्ट्रोक का एक संभावित जोखिम कारक मधुमेह है, क्योंकि मधुमेह और इस तरह की और बीमारियां आंखों में ब्लड प्रेशर के स्तर के साथ जुड़ी हुई हैं।
5. धूम्रपान
आई स्ट्रोक का एक जोखिम कारक धूम्रपान भी हो सकता है, क्योंकि पूरे शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह में धूम्रपान रुकावट पैदा कर सकता है।
निष्कर्ष :
आई स्ट्रोक आम तोर पर एक गंभीर बीमारी है। आई स्ट्रोक की समस्या व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और कोरोनरी आर्टरी बीमारी होने की वजह से हो सकती है। जिसमें इसके गंभीर होने पर व्यक्ति की आँखों की रौशनी भी जा सकती है। इसलिए इसका इलाज करवाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। आई स्ट्रोक की समस्या बाकी और समस्याओं से ज्यादा आँखों को नुकसान पहुंचाती है। इसका वक्त रहते इलाज करवाना और डॉक्टर की सलाह लेना एक बढ़िया विकल्प होता है। अगर आपको भी आई स्ट्रोक की समस्या है और आप इसका इलाज करवाना चाहते हैं तो आप आज ही मित्रा आई हॉस्पिटल जाकर अपनी अपॉइंटमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके इलाज के बारे में इसके विशेषज्ञों से जानकारी ले सकते हैं।
