क्या मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान मरीज़ को दर्द का अनुभव होता है ?

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दुनियाभर में मोतियाबिंद सर्जरी को सबसे आम और सफल सर्जरी में से एक माना जाता है | लेकिन इस सर्जरी को लेकर लोग अक्सर यह सवाल करते है की क्या मोतियाबिंद सर्जरी दर्दनाक होती है ? इस प्रश्न से जुड़ी आशंकाओं को समझना बेहद महत्वपूर्ण होता है, खासकर उन लोगों के लिए जो लोग मोतियाबिंद सर्जरी को करवाने के विचार कर रहे है | आइये मोतियाबिंद और सर्जरी की आवश्यकता को समझते है :- 

मोतियाबिंद और सर्जरी की आवश्यकता को समझना क्यों ज़रूरी होता है ? 

इस मोतियाबिंद सर्जरी को समझने से पहले ये जानना बेहद ज़रूरी है कि मोतियाबिंद क्या होता है | मोतियाबिंद आंखों से जुडी एक ऐसी समस्या है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति के आंखों की दृष्टि में धीरे-धीरे धुँधलापन आने लग जाता है | यह तब होता है जब आंखों के प्राकृतिक लेंस के सामने तरल पदार्थ जमा होने लग जाते है, जिसकी वजह से आंखों की दृष्टि खराब होने लग जाती है | यह एक स्थिति है जो उम्र बढ़ने के साथ-साथ लोगों को प्रभावित  करने लग जाती है | लेकिन कुछ समस्याएं ऐसे भी होती है, जो मोतियाबिंद को बढ़ावा देने के कार्य करती है, जैसे की मधुमेह, धूम्रपान का सेवन, सूरज की रौशनी से लंबे समय तक सम्पर्क में रहना आदि | 

एक विशेषज्ञ मरीज़ को मोतियाबिंद सर्जरी को करवाने का सुझाव तब देता है, जब यह गाड़ी चलाने, चेहरा पहचानने और पढ़ने जैसी आम गतिविधियों में बाधा डालने का काम करता है | इसलिए मोतियाबिंद के इलाज के लिए सर्जरी को करवाना बेहद महत्वपूर्ण होता है | 

मोतियाबिंद की सर्जरी की प्रक्रिया 

आमतौर पर मोतियाबिंद सर्जरी की प्रक्रिया को केवल 15 से 30 मिनट का समय लगता है और स्थानीय एनेस्थिया के तहत किया जाता है |  इसका मतलब यह हुआ की सर्जरी से पहले केवल आंखों के आसपास के क्षेत्र को ही सुन्न किया जाता है, बाकि मरीज़ पूरी सर्जरी के दौरान होश में  रहता है, इससे इस बात का सुनिश्चित होता है की सर्जरी के दौरान मरीज़ को किसी भी प्रकार के दर्द से गुजरान नहीं पड़ता | 

सर्जन सर्जरी के दौरान आंखों में एक छोटा सा चीरा को लगता है, ताकि धुँधली लेंस को हटाकर, उसकी स्थान पर एक स्पष्ट  और कृत्रिम लेंस को लगाया जा सके | 

सर्जरी के बाद रिकवरी में कितना समय लगता है ? 

सर्जरी के बाद मरीज़ को दर्द का कुछ खास अहसास नहीं होते, लेकिन आंखों में किरकिरापन जैसे हलकी असुविधा कुछ दिनों तक आपको परेशान कर सकती है, जिससे आमतौर पर दर्द निवारक दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है | सर्जरी के बाद मरीज़ को रिकवरी में ज्यादा समय नहीं लगता है और वह जल्द ही अपने रोज़मर्रा कामों में वापिस चला जाता  है, लेकिन कई बार आंखों में डला नए लेंस को पूरी तरह से समायोजित करने में कई हफ़्तों का समय भी लग सकता है |        

अब अगर बात करें की क्या मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान दर्द का अनुभव होता है, तो एनेस्थीसिया में प्रगति होने के कारण, वैसे तो यह सर्जरी काफी हद तक दर्द से रहित होती है | लेकिन कई लोगों के लिए सर्जरी के दौरान पूरा समय होश में रहना का विचार थोड़ा कठिन लग सकता है, हालाँकि मोतियाबिंद की सर्जरी को करवाए कई लोग इस बात का दावा करते है की इस सर्जरी के दौरान उन्हें केवल सुई के बराबर जितना दर्द होता है, इसके अलावा उन्होंने अभी तक किसी भी अन्य दर्द का अनुभव नहीं हुआ है |      

यदि आप ठीक से डॉक्टर द्वारा बताई गई अनुदेश का अनुसरण करते है और निर्धारित की गई दवाओं का सही समय पर सेवन करता है तो मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद आप जल्द ही रिकवर कर सकते है, क्योंकि सर्जरी के बाद देखभाल के निर्देशों का सही से पालना करना एक सुचारु रिकवरी को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम होता है | 

यदि आप में से कोई भी व्यक्ति मोतियाबिंद की समस्या से पीड़ित है और सर्जरी को करवाना चाहता है तो इसके लिए आप मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लेसिक लेज़र सेंटर से परामर्श कर सकते है | इस संस्था के पास बेहतरीन नए और आधुनिक उपकरण मौजूद है, इसके साथ ही इस संस्था में मौजूद डॉक्टर पंजाब के बेहतरीन ऑप्थल्मोलॉजिस्ट में से एक है, जो पिछले 26 वर्षों से मोतियाबिंद से पीड़त मरीज़ों का इस उपकरण के जरिये इलाज कर, इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद कर रहे है | 

इसलिए परामर्श के लिए आज ही  मित्रा आई हॉस्पिटल एंड लेसिक लेज़र सेंटर नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |    

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